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मिसिर बलिराम की कुण्डलिया




मिसिर बलिराम की कुण्डलिया


सादर अभिनंदन करो, करना सहज प्रणाम।

नतमस्तक हो जगत को, समझ राम का धाम।।

समझ राम का धाम, लगाओ मन से चक्कर।

मन की कुण्ठा मार, जमी जो मन के अंदर।।

कहें मिसिर बलिराम, बरस बनकर मधु वादर।

छोड़ अनादर भाव,मिलो दुनिया से सादर ।।






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2 Comments

Gunjan Kamal

23-Dec-2022 05:38 PM

शानदार

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Sachin dev

23-Dec-2022 05:07 PM

Well done

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